कला

उन्नति की भावना कला है और भावनाओं के विकास का एक मुख्य साधन है। जो इस साधन का उपयोग नहीं कर सकते वो वास्तव में दुर्भाग्यशाली है जो अवनति युक्त चेतना शून्य जीवन जीते हैं।

कला एक जादुई चाभी की तरह है जो छुपे खजाने खोलती है। बन्द दरवाजों के पीछे छुपे काल्पनिक विचारों को साकार कर उन्हें यथार्थ रूप देती है।

ये कला ही है जो मनुष्य को समुद्र और स्वर्ग की गहराईयों में विचरण करने के लिए प्रेरित करती है। कला के द्वारा, मानवता पृथ्वी और आकाश की बाहरी सीमाओं को तय करती है और समय और स्थान से परे भावनाओं तक पहुंचती है।

कला मनुष्य की भावनाओं और संवेदनाओं को उच्च लक्ष्य दिखाती है और संवेदनशील आत्माओं को गहराईयों की दिशा में प्रेरित करती है। कला के बिना हम अपने अस्तित्व की सुंदरता को नहीं देख सकते, जहां उनके द्वारा उत्पादित सभी महान योग्यताएं और कार्य कभी दिखाई नहीं देता।

ये कला ही है जो मनुष्य की मनःस्थिति और आत्मा की गहन क्षमता और शक्ति को उजागर करती है। कला के द्वारा ही सबसे गहन भावनाएं और विचार, बड़े बड़े अनुसंधान और खोज, और सबसे अधिक हृदय से अनुभव की हुई इच्छाएं संरक्षित की गई हैं, जैसे कि किसी टेप पर रिकार्ड किया गया है, और शाश्वत्व को प्राप्त कर लिया गया है।

ये कला ही है जो श्रद्वा के साथ मिलकर, अपने भव्य पूजा स्थल, पतली मिनारों संगेमरमर में खुदे पवित्र और जटिल नमूनों, जिनमें से प्रत्येक एक संदेश देता है, भिन्न प्रकार की कैलीग्राफी, उत्कृष्ट सोने के पत्तर का काम और तितली के पंखों की तरह सुंदर कढ़ाई के द्वारा ही एक समय का भव्य इस्लाम की दुनिया एक सौंदर्य का अमूल्य गलियारा बन गया है।

सच्चा ज्ञान कला द्वारा प्रदर्शित होता है। यदि किसी ने कला के नाम पर कभी कुछ नहीं बनाया, हम कैसे कह सकते हैं कि वह बहुत कुछ जानता है।

एक व्यक्ति की प्राकृतिक क्षमता की अनिवार्यता उसकी कलात्मक भावना में घनिष्ठ संबंध हैं जो मनुष्य कला की भावना से रहित है वो मृत शरीर के समान है।

कला लोहे को सोने से ज्यादा मूल्यवान बना देती है और तांबे को कांस्य से ज्यादा। कला के द्वारा मूल्यहीन धातुएं सोने चांदी और हीरे से ज्यादा मूल्यवान बन जाते हैं।

ये वही बात है कि कला की भावना के बिना भी मनुष्य का अस्तित्व है कि नहीं। कुछ लोग भीड़ बढ़ाने के लिए होते हैं जिनका कोई लाभ नहीं है, और वास्तव में अपने लिए, अपने परिवार और राष्ट्र के लिए हानिकारक हो सकते हैं।

सभी परिष्कृत कलाएं मानवता को पवित्र आत्माओं के शाश्वत उपहार है। तकनीकी उत्पाद, कला की भावना से मिलकर-घड़ी हमें समय बताती है, कमजोर दृष्टि के लिए चश्मा, संचार के साधनों ने दूरियों को कम कर दिया है, अविश्वसनीय दूरी पर आवाज और तस्वीर भेजना, रेलगाड़ी बस और हवाई जहाज जो हमें एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाते हैं- ये सभी यंत्र और वस्तुएं जो हाम साधारण जीवन में उपयोग में लाते हैं वे सब संवेदनशील कलात्मक आत्मा के कार्य हैं। जो इन कार्यों के लिए प्रेरित करती हैं।